Bhagwan Shri Ram Se Jude 5 Rochak Tathya
Bhagwan Shri Ram Se Jude 5 Rochak Tathya
राम नाम को कोन नही जानता,बल्कि भगवान श्रीराम का नाम हर एक भारतवासी के दिल मे है। इनकी मधुर जीवन गाथा सुनके हमारे मन को शांति मिलती है। ओर यही नही बल्कि हमारे हिंदू धर्मो के चार स्थभो मैसे एक प्रभु श्रीराम है। जिनकी जीवनगाथा ने हमारे समाज को एक सही राह दिखाई है। तो चालिए दोस्तो आज हम आपको Bhagwan Shri Ram Se Jude 5 Rochak Tathya बताने जा रहे है
जो आपके जीवन को बदल देंगे, तो चालिए शुरू करते है।
1) Adbhut Bhet Bhagwan Shri Ram Mandir ke Liye
भगवान श्रीराम का मंदिर बोहोत ही सुंदर सजाया गया है। जिसे देखने के लिए लोगो की भीड बढ़ती जा रही है। ओर यही नही बल्कि छत्तीसगढ़ से भगवान श्रीराम मंदिर में भोग भंडारे के लिए 300 टन चावल भेजा गया था जो अयोध्या सुरक्षित पोहोच चूका है। ओर 108 कलश जोकि शिवलिंग की तरह दिखाईं देती है। जिसमे जोथपुर से आरती के लिए घी भेजी गईं हैं। जिससे भगवान श्रीराम की पहली आरती होगी । ओर 108 फिट लंबी अगरबत्ती जोकि बडोदरा से भेजी गई थी जो अब सुरक्षित अयोध्या पोहोच चुकी है। इस अगरबत्ती को आरती के समय जलाई जायेगी जो देखने लायक होगी। दोस्तो अगर आप भगवान श्रीराम के सच्चे भक्त हो तो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करे धन्यवाद।
2) Prabhu Shri Ram Ki Jivan Gatha
भगवान श्रीराम जब 14 साल के लिए वनवास चले गए तब उन्होंने बोहोत ही अच्छा जीवन बिताया था। प्रभु श्रीराम जहा भी जाते तो अपने रहने लायक 3 झोपड़ियां बनाते थे और कंदमूल खाते थे। ओर वहिपर सो जाते थे। उनके तनपर खुदके बनाए गए वस्त्र रहते थे। जंगलो में राक्षस और हिंसक जानवारो से लडने के लिए उनके पास अपने धनुष रहते थे। यही नही बल्कि देश के सभी संतो के आश्रमों को बर्बर लोगो के आतंक से बचाया था। सभी संतो को राक्षसों से मुक्ति दिलाने के बाद प्रभु श्रीराम दंडकारण्य चले गए जहा बोहोत सारे आदिवासी थे उन आदिवासियों को भी प्रभु श्री राम ने बाणासुर राक्षस से मुक्ति दिलाई और 10 वर्षो तक उनके साथ रहे वहा रहकर उन्होने सभी आदिवासियों को धर्म और वेदो को शिक्षा दी थी।
3) Bhagwan Shri Ram Vishnu ke Satve Aavtar
भगवान विष्णु के 10 अवतार थे उनमेसे प्रभू श्रीराम भगवान विष्णु के 7 वे अवतार माने गए है। श्रीराम अवतार से पहले उन्होंने मत्स्य अवतार लिया था । उसके बाद, कूर्म, वराह,नृसिंह, वामन,और परशुराम, और बाद मे,कृष्णा, बुद्धा, और, कल्कि, अवतार भी लिया था।
4) Prabhu Shri Ram Gaye Sita Swayamwar
श्रीरामचरित मानस के अनुसार माना जाता है की प्रभू श्रीराम सीता स्वयंवर मे गए थे। लेकिन जहातक वाल्मिकी रामायण की बात है तो उसके अनुसार भैया लक्ष्मण और प्रभू श्रीराम ऋषि विश्वामित्र के साथ मिथिला गए थे। ऋषि विश्वामित्र ने राजा जनक को कहा की प्रभू श्रीराम को शिवधनुष दिखाए तब प्रभू श्रीराम ने वो धनुष उठाया था, और प्रत्यंचा चढ़ाते समय शिवधानुष टूट गया था। राजा जनक ने ये प्रण किया की जोभी इस शिवधानुश को उठलेगा उसीसे वो माता सीता का स्वयंवर कराएंगे। इसीवजह से माता सीता का स्वयंवर प्रभू श्रीराम से हुआ।
5) Bhaiya Lakshman Ne Mata Sita Ko Lekar Kya Kaha
जब माता सीता का अपहरण हो गाया तब प्रभू श्रीराम और भैया लक्ष्मण दोनो उनकी खोज में निकल पडे जहा चलते चलते उन्हें रस्ते मे माता सीता के कुछ आभूषण मिले प्रभू श्रीराम ने उन आभूषणो मैसे कर्णफूल को पहचान लिया और लक्ष्मण से कहा की ये सीता के कर्णफूल है। इस बात पर भैया लक्ष्मण प्रभू श्रीराम से कहते है की ये कर्णफूल भाबी केहै ये मे कैसे बता सक्ता हु। क्युकी मैने तो कभी भाबि का मुख ही नहीं देखा। मैने तो सिर्फ एक पुत्र और सेवक के भाव से भावी के चरणो को देखा है। इसीलिए मै तो सिर्फ और सिर्फ उनकी पायल को पहचान सक्ता हु।
Nice
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